एंड्राइड और 4 जी बिना कैसे ऑनलाइन पढ़ेगा छत्तीसगढ़ !


छत्तीसगढ़ सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर एक और नवाचार का शुभारंभ किया है। कहा जा रहा है कि अब ऑनलाईन एजुकेशन प्लेटफार्म ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ के माध्यम  से बच्चों को घर में ही पढ़ाना है। देश में फैल रहे वैश्विक महामारी कोरोना के काल में सरकार का ऑनलाईन एजुकेशन प्लेटफार्म शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांतिकारी शुरूआत के साथ ही छत्तीसगढ़ की दशा और दिशा को देखकर प्रश्न चिन्ह भी लगा रहा है। हालांकि इस नवाचार का आज के दौर में स्वागत होना चाहिए किन्तु समय की कसौटी पर परखना भी हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री और विभागीय अफसरों ने देख परख कर इसे लांच तो कर दिया है, कुछ ही दिनों में इसके परिणाम भी सामने आने लगेंगे। अच्छी बात है, सब पढ़े, आगे बढ़े। पर क्या छत्तीसगढ़ के ग्राम्य अंचलों में यह संभव हो सकेगा। पहली बात तो यह वेब पोर्टल ऑनलाइन काम करेगा, दूसरी बात एंड्राइड फोन चाहिए 4 जी डेटा के साथ। यानी अब आप सरकार के पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ में पढ़ना चा‍हते हैं तो मोबाइल को अपडेट करने के साथ ही आपको इंटरनेट भी डालना होगा।
शहर के लिये असंभव नहीं है, किन्तु सुदूर अंचल के गांवों के लिये शायद ही यह योजना कारगर साबित होगा। पूर्व सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा मोबाइल बांटने का काम किया गया था। जो शायद कुछ ही लोगो तक पहुंच पाया और सरकार बदल गई। मोबाइल योजना बंद हो गया, पता नहीं जिन्हें मोबाइल मिला वो उपयोग कर रहे हैं कि नहीं भी। बात गांव में बच्चों के मोबाइल उपयोग की करें तो छोटे बच्चे शायद ही रखते हैं और बड़ों के पास केवल बात करने के‍ लिये ही बेलेंस होता है। साधारण सी बात है किसी वेब पोर्टल से यदि आप पढ़ाई करते हैं तो आपको 3 जी या 4 जी स्पीड के साथ चलना होगा तभी आप वीडियो को ठीक तरह से देख पायेंगे। अब इंटरनेट की सेवाएं देने वाली कंपनी की बात करें तो 200 रूपये से कम किसी का भी नहीं हैं वह भी केवल 28 दिन के लिये वैद्य होता है।   
वर्तमान मुख्यमंत्री जी तो जब से देश में लॉकडाउन लागू हुआ है आए दिन वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से लोगो से संपर्क बना रहे हैं। हो सकता है उनको यही से प्रेरणा मिला हो की अब बच्चों को इस तकनीक से जोड़ा जाये। चूकि स्कूली बच्चों की परीक्षाएं नहीं हो सकी पढ़ाई बर्बाद हो रहा है। कहा जा रहा है कि इस ऑनलाइन पोर्टल में कक्षा 1 से 10 तक की कक्षाओं के‍ लिये पठन-पाठन सामग्री अपलोड किया गया है। जाहिर सी बात है छोटे बच्चों के लिये ही बनाया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने दूर दृष्टता के साथ वर्तमान समस्या का भले ही हल निकाला है किन्तु यह देखने वाली बात होगी की इसका लाभ कहां और कितने लोगों को मिलेगा। छत्तीसगढ़ का मतलब रायपुर, बिलासपुर ही नहीं वरन नारायणपुर और अबुझमाड़ भी है। क्या‍ सुदूर अंचल में छोटे बच्चों के पास ऐसा मोबाइल है जो सरकार के ऑलाइन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ को सुलभ बना सकेगा!
0 जयंत साहू, डूण्डा रायपुर

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