यवनिका समाज को देगी नई दृष्टि


भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। उनकी सफलताओं की कई कहानी रोज अखबारों की सुर्खियां होती है। लेकिन उन सबके बीच कहीं अभाव में या किसी दिव्यांगता के बावजूद सामान्यजनों से प्रतियोगिता कर कोई बेटी बड़ा मुकाम हासिल कर लेती है तो देश को गर्व होता है। ऐसा ही एक आंखों को यकीन न होने वाला काम कर गई दिल्ली की दिव्यांग बेटी यवनिका, जो देख नहीं सकती, ने हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर में बीएएलएलबी (ऑनर्स) में टॉप की है। उनको प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है। यवनिका को यह गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में चीफ जस्टिस आफ इंडिया एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रदान किया गया।


यवनिका देख नहीं सकती है लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं माना, अपितु ताकत बनाकर हर मुश्किलों का सामना किया। जब मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो रास्ते अपने आप बनते हैं, केवल लगन और आत्मविश्वास के साथ कठिन परिश्रम करते रहना है।

यवनिका को वकालत के क्षेत्र में मिला गोल्ड मेडल न केवल उस बेटी की काबलियत को दर्शाता है बल्कि समाज के अन्य वर्ग के लोगों को भी नई दिशा दिखा रही है कि दिव्यांगता मार्ग का बाधक नहीं है। हां सामान्यजनों से आप थोड़े अलग जरूरत होते है, कुछ अतिरिक्त सुविधाओं की जरूरत होती है। साथ ही हौसला और प्रोत्साहन मिले तो यवनिका जैसी कई बेटियां पदक की रेस में शामिल हो सकती है।

दृष्टिहीन यवनिका अच्छे परिवार से आती है इसीलिये उनका लक्ष्य बड़ा था, और कामयाब भी रही। अब आगे उनका सपना है कि वे समाज में दिव्यांजनों को जो लोग कमजोरी के रूप में देखते है उनके लिये कुछ काम करेंगी। मानसिक रूप से पिछड़े समाज को आत्मविश्वास के साथ नई दिशा देना चाहती है। यवनिका पर देश को जितना गर्व हो रहा है उतना ही उनके माता-पिता पर भी है। यवनिका के माता-पिता ने अपनी बेटी की हर जरूरत को पूरी की। कभी उनको यह अहसास नहीं होने दिया की उनकी शारीरिक कमजोरी सफलता में बाधक है। आज के दौर में हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं। दिव्यांग होने पर तो जिम्मेदारी और भी बड़ जाती है। उनको इतना काबिल बनाये कि सामान्यजनों सा उनका जीवन भी सरल और सहज हो जाये।


शासन-प्रशासन ने भी शारीरिक कमजोरी को दिव्यांग कहकर लोगों का नजरिया बदलने की कोशिश जरूर की है, लेकिन यह नकाफी है। दिव्यांग शब्द से उनकी कमजोरी को छिपाने से बड़ा काम उनके करियर को सवांरने की दिशा में करना होगा। अकसर देखा जाता है कि जिनके पालक अमीर होते हैं वे अपने बच्चों के लिये तमाम सुविधायें खरीद लेते हैं। लेकिन जो गरीब परिवार में जन्म से दिव्यांगता लेकर आते हैं उनके लिये जीवन आसान नहीं होता है। कुछ को तो नियती मानकर उन्हें उनके हाल कर छोड़ देते है। ऐसे में प्रेरणा बनती है यवनिका जैसी बेटियां जो सामान्यजनों के साथ प्रतियोगिता करके बड़ा मुकाम हासिल करती है। समाज में शारीरिक अक्षमता वाले व्यक्ति के लिये दिव्यांग शब्द को प्रचलन में लाने से बेहतर उनके प्रति अपनी सोच और नजरिया बदलेे। जन्मदाता तो पालक है ही, समाज को भी अभिभावक के रूप में दिव्यांगजनों के साथ खड़ा होना होगा।


- जयंत साहू
डूण्डा-रायपुर
मो. 9826753304


गोधन न्याय योजना क्या है, इसका लाभ कैसे ले ? Godhan Nyay Yojana

Godhan Nyay Yojana
Godhan Nyay Yojana

इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों की आय में वृद्धि, पशुधन की खुली चराई पर रोक लगाकर खरीफ और रबी फसलों की सुरक्षा, द्वि-फसली क्षेत्र का विस्तार, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देकर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाना है। इसके माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, भूमि की उर्वरता में सुधार, विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और सुपोषण को बढ़ावा देना भी है। The objective of this scheme is to increase the income of the livestock farmers, protection of Kharif and Rabi crops by prohibiting open grazing of livestock, expansion of bi-cropping area, reduction in the use of chemical fertilizers by promoting the use of organic manure. Through this, providing employment opportunities to the local people, improving the fertility of the land, availability of non-toxic food items and promoting eutrophication.

गोबर खरीदी एवं भुगतान -

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना आज सबसे लोकप्रिय योजना का रूप ले चुकी है। इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में गौपालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला है। इस योजना के तहत 2 रूपए किलो में अब तक 61.07 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी और गोबर विक्रेताओं को 122 करोड़ 47 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। Godhan Nyay Yojana of the Government of Chhattisgarh has taken the form of the most popular scheme today. This has provided additional source of income to the cow farmers in rural and urban areas. Under this scheme, so far 61.07 lakh quintals of cow dung have been purchased for Rs. 2 a kg and Rs. 122 crore 47 lakh has been paid to the dung vendors.

कम्पोस्ट क्रांति -

गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और उपयोग की राज्य में एक नई क्रांति शुरू हुई है, जिससे देश में आसनन्न् रासायनिक खाद संकट को हल करने में मदद मिलेगी। गौठान समितियों को अब तक 45.31 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों को 29.46 करोड़ रूपए की राशि लाभांश के रूप में दी जा चुकी है। A new revolution has started in the state in the production and use of vermi compost from the cow dung purchased under Godhan Nyay Yojana, which will help in solving the impending chemical fertilizer crisis in the country. So far, Rs 45.31 crore has been given to Gauthan committees and Rs 29.46 crore to women self-help groups as dividend.

15 लाख क्विटल कम्पोस्ट उत्पादन - 

गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर से महिला समूहों द्वारा 10 लाख 38 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 36 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है। इसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्नट विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा विविध आयमूलक गतिविधियां संचालित कर अब तक 50 करोड़ 57 लाख रूपए की आय अर्जित की जा चुकी है। 10 lakh 38 thousand quintal vermi compost and more than 4 lakh 36 thousand quintal super compost manure have been manufactured by women groups from the dung purchased under Godhan Nyay Yojana. It is being supplied through societies to various departments of the government and farmers at a concessional rate. An income of Rs 50 crore 57 lakh has been earned so far by conducting various income-oriented activities by women's groups.

गोबर से बिजली एवं प्राकृतिक पेंट - 

राज्य में गौठानों से 11,463 महिला स्व-सहायता समूह से 77,125 महिलाएं जुड़ी हैं। महिला समूहों में स्वावलंबन के प्रति एक नया आत्मविश्वास जगा है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए कुमारप्पा नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के मध्य एमओयू हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर गौठानों में दाल मिलों एवं तेल मिलों की स्थापना की जा रही है। प्रथम चरण में 188 गौठानों में दाल मिल तथा 148 गौठानों में तेल मिल की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 77,125 women are associated with 11,463 women self-help groups from Gauthans in the state. A new confidence has emerged in women's groups towards self-reliance. Electricity generation has been started in Gauthans by purchasing cow dung. An MoU has been signed between Kumarappa National Paper Institute, Jaipur, Ministry of Micro, Small and Medium Industries, Government of India's Khadi and Village Industries Board and Chhattisgarh Gau Seva Aayog for making natural paint from cow dung. On the initiative of Chhattisgarh government, pulse mills and oil mills are being established in Gauthan. In the first phase, the process of setting up pulse mills in 188 Gauthans and oil mills in 148 Gauthans has been started.
गोधन न्याय योजना से लगभग 2 लाख ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अजित करने वालों में 44.92 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से 93 हजार 977 भूमिहीन परिवार भी लाभान्वित हो रहे है। About 2 lakh rural, animal husbandry farmers are getting benefited from Godhan Nyay Yojana. Among those who earn additional income by selling cow dung, 44.92 percent number is of women. 93 thousand 977 landless families are also getting benefited from this scheme.

उपलब्धि -

  1. गांवों में आय और रोजगार के नये अवसर सृजित हुए हैं।
  2. ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है।
  3. जेविक खाद की उपलब्धता बढ़ी है, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिला है

0 गोधन न्याय योजना से क्या परिवर्तन आया

00 गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अंचलों रोजगार के नये अवसर पैदा किया जा रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर अनेक कार्य करके आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही हैं। राज्य में गौठानों से 11,463 महिला स्व-सहायता समूह से 77,125 महिलाएं जुड़ी हैं। इन महिलाओं को सरकार द्वारा प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देकर स्व रोजगार स्थापित करने हेतु मदद दिया जा रहा है। गांव की महिलाएं जो मजदूरी का काम करती थी, घरेलू महिलाएं जिनके पास काम नहीं था, को घर बैठे ही अतिरिक्त आय प्राप्त करने का सुनहरा अवसर गोधन न्याय योजना से ही मिला है।  

0 गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ PDF

00 गोधन न्याय योजना का पूरी जानकारी- योजना कब शुरू हुई, कौन इस योजना का लाभ ले सकता है, आवेदन कहां करना है आदि कि जानकारी के लिये छत्तीसगढ़ PDF सरकारी योजना पर क्लिक करें। 

0 गोधन न्याय योजना की शुरुआत

00 छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की शुरूआत मुख्यिमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 20 जुलाई 2020 को हुई। यह देश की सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है, इसे देखने और जानने के लिए विदेश से भी अध्ययनदल छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के पशुपालक किसानों को लाभान्वित करने की एक बड़ही योजना है। गोधन न्याय योजना के तहत सरकार पशुपालन करने वाले किसानों से गाय का गोबर खरीदी करता है।

0 गोधन न्याय योजना पंजीयन फार्म

00 गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी गांव की है, और ग्रामीणों को योजना का लाभ दिलाने के लिये किसी प्रकार की परेशानी न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गांव के सभी लोगों को लाभार्थी कहा है। अत: इस योजना का पंजीयन/ आवेदन आदि की प्रक्रिया जटिल नहीं है, घर बैठे ही सब कुछ होगा। गोधन न्याय योजना के संबंध में ग्राम सरपंच, जनपद और जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी पूरी जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचा रहे हैं।

0 CG गोधन न्याय योजना की आधिकारिक वेबसाइट क्या है

00 गोधन न्याय योजना की आधिकारिक वेबसाइट से आप इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते है। साथ ही गोधन न्याय योजना द्वारा किस प्रकार अन्य ग्रामीण लाभ ले रहे है, उनकी सफलता की कहानी भी पढ़े जो प्रेरक है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना पंजीयन | rajiv gandhi kisan nyay yojana panjiyan

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छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांए क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती। फलस्वरूप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण योजना मिनी कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं।  कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने कृषि इनपुट सब्सिडी हेतु राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान योजना लागू की गई है।

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छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांए क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती। फलस्वरूप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण योजना मिनी कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं।  कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने कृषि इनपुट सब्सिडी हेतु राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान योजना लागू की गई है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का मुख्यय उद्देश्य -

इस योजना का उद्देश्य फसल विविधीकरण, फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना, फसल की कास्त लागत की प्रतिपूर्ति कर कृषकों के शुद्ध आय में वृद्धि करने के साथ ही कृषकों को कृषि में अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहन तथा कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुनर्स्थापित करते हुए जीडीपी में कृषि क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि करना है। 

राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ होने का वर्ष -

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि 24 मई 2020 से यह योजना प्रारंभ की गई है, जिसे वर्ष 2019 से भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की इनपुट सब्सिडी राशि -

इस योजना कं अंतर्गत वर्ष 2021 से खरीफ की सभी प्रमुख फसलों एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष राशि रुपए 9000 प्रति एकड इनपुट सब्सिडी राशि दी जाएगी। कोदो, कुटकी, रागी उत्पादक कृषकों को भी लाभ मिलेगा।
वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था, यदि यह धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, कला, पपीता लगता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ रूपए 10,000 इनपुट सब्सिडी राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
योजनातर्गत कृषकों के फसलवार सर्वक्षण एवं पंजीयन के लिए राजस्व विभाग द्वारा कृषकों के भू-अभिलेख का शुद्धिकरण, अपग्रेडेशन एवं आधार से लिंक करने की कार्यवाही की जाएगी।
इनपुट सब्सिडी राशि की भुगतान की प्रक्रिया योजना के पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में इनपुट सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की जा रही है, जो कि देश में सर्वाधिक है। 

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को दी गई इनपुट सब्सिडी राशि -

इस योजना के तहत राज्य के किसानों को मई 2020 से लेकर अब तक लगभग 10 हजार 176 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई है। इस योजना के तहत किसानों को चौथी किस्त की राशि माह मार्च 2022 में लगभग 1500 करोड़ रूपये दी जाएगी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की मुख्य1 उपलब्धि -

वर्ष 2017-18 में राज्य में धान विक्रय हेतु 15 लाख 77 हजार 332 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 12 लाख 6 हजार 264 किसानों ने धान बेचा था। कुल 56 लाख 88 हजार 347 मेट्रिक टन धान की खरीदी की गईं थी। किसानों को 10596.49 करोड़ रूपए का भुगतान तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था।
वर्तमान सरकार ने वर्ष 2018-19 में 20092.53 करोड़ रूपए का भुगतान किया, जिसमें 5978.71 करोड़ रूपए का बोनस भी शामिल था। वर्ष 2019-20 में 15285 करोड़ रूपए का भुगतान केवल समर्थन मूल्य के रूप में किया गया। इसके अतिरिक्त राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 18 लाख 38 हजार किसानों को 5628 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी भी दी गई। वर्ष 2020-21 में 17237.30 करोड़ रूपए का भुगतान केवल समर्थन मूल्य के रूप में किया गया, इसक अतिरिक्त 22 लाख किसानों को 5702 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। वर्तमान सत्र 2021-22 में की जा रही धान खरीदी के तहत भी समर्थन मूल्य के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को मिलेगा।
वर्ष 2021-22 में 105 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा रखा गया है। इस वर्ष 24 लाख 6 हजार 560 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिसका कुल रकबा 30.11 लाख हेक्टेयर है। 29 जनवरी 2022 तक 21 लाख 18 हजार 240 किसानों से 93 लाख 09 हजार 621 मेट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। धान खरीदी की अंतिम तिथि 7 फरवरी तक शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त होने की उम्मीद है।
वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में किसानों की संख्या, रकबा, फसल उत्पादकता में वृद्धि तथा उनके जीवन में समृद्धि आईं है। 2018-19 से लेकर अब तक हर साल धान खरीदी के मामले में नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। गत वर्ष 2020-21 में 92 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का बढ़ा दायरा

धान, मक्का, गन्ना, कोदो, कुटकी, रागी, सोयाबीन, दलहन-तिलहन, सुगंधित-फोर्टीफाइड धान व उद्यानिकी फसलों के लिए प्रति एकड़ आदान सहायता –
कोरोना काल के भयावह दौर में हमने अपने किसान भाड़यों की जेब में पैसा डालने का साहसिक कदम उठाया। समर्थन मूल्य पर उपज खरीदी के अलावा हमने आर्थिक मदद के अन्य कई उपाय भी किए हैं। पहले यह योजना सीमित उपजों के लिए थी, अब इस का दायरा बढ़ा दिया गया है। योजना के शुरुआती वर्ष 2020 में ही धान व मक्का उत्पादक किसानों को 5628 करोड़ रुपए का भुगतान मै किया। इस वर्ष भी तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के बैंक खातों में अतरित की जा चुकी है। अतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा।
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CG Vyapam Patwari Recruitment 2022 | Patwari Training (RDP) Selection Exam Application Online



पटवारी प्रशिक्षण (RDP) चयन परीक्षा 2022 हेतु आवेदन कैसे करे पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा-2022 हेतु विज्ञापन

छ.ग.शासन, वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2021-07-00028 दिनांक 20.07.2021 एवं पत्र क्रमांक 311/ ब-5 वि. 2021 दिनांक 14.09.2021 द्वारा दी गई स्वीकृति के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य के 24 जिलों में पटवारी प्रशिक्षण हेतु 301 अभ्यर्थियों के चयन हेतु प्रतियोगी परीक्षा के लिए संबंधित जिले के ही पात्र एवं इच्छुक स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन पत्र छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, रायपुर की वेबसाइट https://vyapam.cgstate.gov.in पर आमंत्रित किये जाते है। कोई भी अभ्यर्थी केवल उसी जिले के रिक्त पदों के विरूद्ध आवेदन कर सकेगा, जिस जिले का वह स्थानीय निवासी हो। इस प्रयोजन हेतु आवेदक को उसी जिले का स्थानीय निवासी माना जावेगा, जिस जिले का उल्लेख सक्षम अधिकारी द्वारा आवेदक को जारी छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र में किया गया हो। पटवारी प्रशिक्षण (RDP) चयन परीक्षा 2022 हेतु आवेदन करने के लिए ऑनलाइन सुविधा दी गई।

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा-2022 में कितना पद है, जिलेवार विवरण जानकारी- 

पटवारी प्रशिक्षण चयन हेतु 301 पदों का चयन जिलेवार विवरण निम्न है-

टीप :-

  1. जिलों में विशेष पिछड़ी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में से आरक्षण सुनिश्चित आप या जाना है, उन जिलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग में से आरक्षण विशेष पिछड़ी जनजाति के थी के लिये मान्य किया जावेगा अर्थात्‌ अनुसूचित जनजाति वर्ग में से विषेश पिछड़ी जनजातियों के लिए पद आरक्षित होने की स्थिति में जिला कलेक्टर द्वारा चयन के समय इस तथ्य का ध्यान रखा जाएगा।
  2. भूतपूर्व सैनिक सहित अन्य वर्गों को शासकीय सेवा में दिया जाने वाला आरक्षण,अन्य लाभ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ भू-अभिलेख, तृतीय श्रेणी अराजपत्रित (कार्यपालिक एवं तकनीकी) सेवा भर्ती नियम 2014 के प्रावधानों के अध्याधीन रहते हुए दिया जावेगा।
  3. छ.ग.शासन, समाज कल्याण विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर के अधिसूचना क्रमांक एफ-1-21 / 2014/ सक / 26 दिनांक 25 सितंबर 2014 के प्रावधानानुसार तृतीय श्रेणी में निःशक्तता से ग्रसित व्यक्तियों के लिये चिन्हांकित किये गये पदों की सूची क॑ सरल क्रमांक 148 में 'पटवारी' पद को चुनौतीपूर्ण एवं मैदानी कार्य होने के कारण कारण निःशक्तता अमान्य किये जाने के कारण विज्ञापित पदों हेतु दिव्यांग (निःशक्तजन) पात्र नहीं होंगे।
  4. उपरोक्त निर्देशों के अतिरिक्त छ.ग.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी अन्य दिशा निर्देशों के अधीन रहते हुये ही अर्ह अभ्यर्थी के चयन की कार्यवाही की जाएगी।

पटवारी पद हेतु शैक्षणिक योग्यता :-

(1) किसी मान्यता प्राप्त मंडल से (10+2) प्रणाली में हायर सेकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये।
(2) शासकीय / अर्द्शशासकीय या किसी मान्यता प्राप्त संस्था से कम्प्यूटर अर्हता होना चाहिये।
(3) किसी मान्यता प्राप्त संस्था से प्रोग्रामिंग में न्यूनतम 01 वर्षीय डिप्लोमा / प्रमाण पत्र तथा डाटा एंट्री की 5000 की (key) डिप्रेशन प्रतिघंटे की गति। 
कम्प्यूटर अर्हता हेतु छ.ग.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मान्य किये गये प्रमाण-पत्रों को ही स्वीकार किया जाएगा। परन्तु अनुसूचित क्षेत्र के सफल स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो पटवारी पद पर प्रशिक्षण हेतु चयनित होंगे, उन्हें उक्त कम्प्यूटर संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने हेतु एक वर्ष की छट की पात्रता होगी। 

पटवारी पद हेतु वेतनमान :- 

छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग के निर्देश 21 / 2020 परिपत्र क्रमांक 372 /260 / वि / नि “चार / 2020 दिनांक 29.07.2020 के निर्देशानुसार ही पटवारी पद का वेतनमान, वेतन मैट्रिक्स लेबल-6 तथा इसके अतिरिक्त0 शासन द्वारा स्वीकृत अन्य भत्ते, जो कि प्रतियोगी परीक्षा में चयन उपरांत एक वर्ष का विभागीय कार्यों का प्रशिक्षण एवं उसके पश्चात्‌ ली जाने वाली विभागीय परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने पश्चात्‌ पटवारी के पद पर नियुक्त किये जाने पर ही देय होगा। 

पटवारी पद हेतु आयु सीमा :-

दिनांक 01.01.2022 को 18 वर्ष से कम तथा 40 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिये। छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्रानुसार अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट की पात्रता होगी, किन्तु किसी भी स्थिति में अधिकतम आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होगी।

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा निर्देश तथा शर्तें :-

1. आवेदक को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी प्रमाणपत्र में उल्लेखित जिले का स्थानीय निवासी होना मान्य किया जाएगा।
2. रिक्त पदों की संख्या में आवश्यकतानुसार कमी या वृद्धि करने का अधिकार नियोक््तात का होगा।
3. आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र में उललेखित विवरण यथा जन्म दिनांक हेतु हाई स्कूल (दसवीं) की अंकसूची,/ प्रमाण पत्र, हायर सेकेन्डरी सकल की अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, कम्प्यूटर अर्हता का प्रमाण पत्र आदि की मूल प्रतियां एवं स्व-प्रमाणित छायाप्रतियां प्रशिक्षण हेतु चयन उपरांत सत्यापन के समय प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
4. ऑनलाइन दर्ज किये गये विवरण को पूरी तरह से जांच कर लेवें। एक बार आवेदन कर दिये जाने के बाद परीक्षा के पूर्व या परीक्षा परिणाम के बाद त्रुटि सुधार के लिए किया गया कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। आवेदन पत्र भरने से पहले आवश्यक दिशा निर्देशों को अत्यंत सावधानी से पढ़ें तथा सैम्पल फार्म (नमूना आवेदन पत्र) का अवलोकन करें। असत्य जानकारी प्रस्तुत करने परअभ्यर्थिता और चयन किसी भी स्तर पर निरस्त कर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
5. कोई भी अभ्यर्थी जिसने विवाह के लिए नियत की गई न्यूनतम आयु से पूर्व विवाह कर लिया हो नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा।
6. छ.ग. लोक सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम 1997 के अनुसार विज्ञापित पदों के ३0 प्रतिशत पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रखे जायेंगे।
7. चयनित अभ्यर्थियों को जिला चिकित्सालय के चिकित्सा बोर्ड से स्वास्थ्य फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात ही सेवा में लिया जावेगा।
8. समान अंक प्राप्त होने की स्थिति में अभ्यर्थियों की जन्म तिथि को आधार मानकर वरीयता निर्धारित की जावेगी। जिस अभ्यर्थी की उम्र अधिक होगी उसको वरीयता प्रदान की जावेगी। 
9. लिखित परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को स्वयं के व्यय पर परीक्षा केन्द्र तक जाना होगा। इसके लिए पृथक से कोई यात्रा व्यय नहीं दिया जावेगा।
10. यह चयन पूर्णतः: अस्थायी है, अतएव चयन की निर्धारित शर्तों का पालन नहीं होने पर किसी भी समय सेवा समाप्त की जा सकेगी। प्रतियोगी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने एवं विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने उपरांत उनकी नियुक्ति 03 वर्षों की परिवीक्षा अवधि पर की जावेगी।
11. चयन हेतु अभ्यर्थी की पात्रता/अपात्रता के संबंध में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार राज्य शासन का होगा एवं कर्मचारियों की पदस्थापना तत्समय उपलब्ध पदों के आधार पर ही की जावेगी। पदस्थापना के संबंध में किसी प्रकार का अभ्यावेदन स्वीकार्य नहीं होगा।
12. विज्ञापन की कंडिका-6 में पटवारी पद के लिए पुनरीक्षित वेतनमान दर्शाया गया है तथा निर्धारित वेतनमान में शासन द्वारा समय समय पर प्रसारित आदेशों के अनुसार महंगाई भत्ते एवं अन्य भत्ते देय होंगे, जो कि प्रतियोगी परीक्षा में चयन उपरांत एक वर्ष का विभागीय कार्यों का प्रशिक्षण एवं उसके पश्चात्‌ ली जाने वाली विभागीय परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने पश्चात्‌ पटवारी के पद पर नियुक्त किये जाने पर ही देय होगा।
13. शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सभी दिशाजनिर्देशों एवं छत्तीसगढ़ भू-अभिलेख, तृतीय श्रेणी अराजपत्रित (कार्यपालिक एवं तकनीकी) सेवा भर्ती नियम 2014 में पटवारी पद पर चयन हेतु उल्लेखित शर्तों की पूर्ति की जाने पर ही नियुक्ति की पात्रता होगी।

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा पद्धति :- 

इस परीक्षा में सम्बंधित पाठ्यक्रमों पर आधारित 150 अंकों के 150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जायेंगे।

पटवारी प्रशिक्षण चयन मूल्यांकन पद्धति :- 

प्रत्येक प्रश्न के चार संभावित उत्तर दिये गये होंगे। उनमें से एक उत्तर सही तथा तीन उत्तर गलत होंगे। प्रत्येक प्रश्न का सही उत्तर अंकित करने पर एक अंक एवं गलत उत्तर अथवा एक से अधिक उत्तर अंकित करने पर (-) ऋणात्मक अंक का प्रावधान होने से एक गलत उत्तर पर 1/4 अंक काटे जायेंगे। परीक्षार्थी द्वारा जिन प्रश्नों के उत्तर अंकित नहीं किये जायेंगे उनके लिए शून्य (220) अंक प्रदान किये जायेंगे। 

पटवारी प्रशिक्षण चयन प्रक्रिया :- 

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों के आधार पर अभ्यर्थियों की जिलेवार मेरिट सूची तैयार की जावेगी। प्रत्येक जिले की संयुक्त प्रावीण्य सूची, वर्गवार (OBC,SC,ST,Female,Ex Serviceman) प्रावीण्य सूची विभाग को सौंप जायेगी, जिसके आधार पर दस्तावेजों के सत्यापन पश्चात पात्र पाये जाने पर नियोक्ताक द्वारा नियमानुसार चयन की कार्यवाही की जावेगी।

व्यापम परीक्षा निर्देश :-

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा (RDP) 2022 के लिये व्यापम द्वारा जारी प्रमुख दिशा निर्देश निम्न है- 
1. ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की प्रारंभिक तिथि - 04.03.2022 (शुक्रवार)
2. ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि - 22.03.2022 (मंगलवार) रात्रि 11:59 बजे तक
3. त्रुटि सुधार - 23 से 25 मार्च 2022 तक
4. परीक्षा की तिथि (संभावित) - 10 अप्रैल 2022 (रविवार)
5. परीक्षा का समय : - पूर्वान्ह 10:00 से 145 बजे तक
6. परीक्षा केन्द्र : - प्रदेश के 28 जिला मुख्यालयों में

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा शुल्क :- 

सामान्य वर्ग - 350 /-
अन्य पिछड़ा वर्ग - 250 /-
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / निःशक्तजन - 200 /-

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा (RDP) 2022 के लिये महत्वपूर्ण टीप -

1 ऑनलाइन आवेदन के साथ अभ्यर्थी की जाति, जन्मतिथि, स्थानीय निवासी आदि सम्बंधी प्रमाण-पत्र नहीं लिए जारहे हैं। अभ्यर्थी के सभी प्रमाण-पत्र का परीक्षण नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी द्वारा नियुक्ति के पूर्व की जाएगी। अभ्यर्थी द्वारा दी गई गलत जानकारी के लिए व्यापम जवाबदार नहीं होगा। इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व उसका स्वयं का होगा।
2 पूर्व में भरे हुए आवेदन में कोई त्रुटि सुधार की आवश्यकता है तो दिए गए दिवस में निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा कर ऑनलाइन त्रुटि सुधार कर लेवें । त्रुटि सुधार हेतु दिए गए अंतिम तिथि के पश्चात्‌ त्रुटि सुधार के सम्बंध में कोई भी आवेदन परीक्षा प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर व्यापम द्वारा स्वीकार नहीं किया जावेगा। आवेदन पत्र की प्रविष्टियों के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी किया जावेगा। त्रुटि सुधार के लिए हार्ड कॉपी / सॉफ्ट कॉपी में भेजा गया कोई भी आवेदन व्यापम द्वारा स्वीकार नहीं किया जावेगा।
3 OMR उत्तरशीट में परीक्षा दिवस के दिन कोई भी त्रुटि सुधार की सुविधा नहीं दी जाएगी ।
4 आवेदन पत्र भरने से पहले विभाग द्वारा जारी विज्ञापन को भली-भाँति पढ़ लेवें, आवश्यक दिशा निर्देशों को अत्यंत सावधानी से पढ़ें तथा सेम्पल फार्म (नमूना आवेदन पत्र) का अवलोकन करें।
5 भरे हुए ऑनलाइन आवेदन का प्रिंट आउट अवश्य लेकर रखें। 
6 शुल्क अदायगी के लिए बैंक का डेबिट कार्ड (ए.टी.एम. कार्ड) / क्रेडिट कार्ड / इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा होना
आवश्यक होगा, अतः सम्बंधित पासवर्ड एवं अन्य जानकारी तैयार रखें।
7 अभ्यर्थी अपना स्वयं का फोटो jpg/jpeg फार्मट में स्कैन कर कर फाइल के रूप में रखें। जिसका अधिकतम साइज 60 kb एवं न्यूनतम साइज 40 kb का हो, सेव कर रखें। (फाइल का नाम अल्फान्यूमेरिक में रखें, बीच में अंतराल तथा डॉट का प्रयोग न करें)
8 साथ ही अभ्यर्थी अपने स्वयं के हस्ताक्षर का फोटो भी स्कैन कर कर एक अलग .]082/.]76४ फार्मेट में फाइल के रूप में रखे। जिसका अधिकतम साइज 40 kb एवं न्यूनतम साइज 20 kb का हो, सेव कर रखें।
9  कोविड 19 महामारी के कारण राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन सभी अभ्यर्थियों को करना अनिवार्य होगा।

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा महत्वपूर्ण जानकारी :-

1 पात्रता :-  

आवेदन हेतु पात्रता के संबंध में विभागीय नियम देखें। केवल वे अभ्यर्थी पात्र होंगे जो विभागीय नियमों में दी गई शर्तें पूरी करते हों। मात्र आवेदन पत्र प्रेषित करना अथवा परीक्षा में सम्मिलित होना अभ्यर्थी को पात्र नहीं बनाता है। 

2. ऑनलाइन आवेदन करने की विधि :- 



ऑनलाइन आवेदन करने की विधि की जानकारी व्यापम की वेबसाइट के लिंक पर उपलब्ध फाइल से प्राप्त की जा सकती है।

3. ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि सुधार करने की विधि :- 

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद अभ्यर्थी को भरे हुए आवेदन में त्रुटि सुधार हेतु निम्न निर्देश दिया जाता है -
  • त्रुटि सुधार हेतु अभ्यर्थी “ Track Application Status” में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन ID डालेगा। फिर Captcha Enter करेगा। तदुपरांत OTP उसके ई-मेल व मोबाइल पर उपलब्ध होगा। OTP प्रविष्ट करने के बाद अभ्यर्थी को अपना ऑनलाइन आवेदन दिखेगा।
  • अभ्यर्थी अपने ऑनलाइन आवेदन में पूर्व में की गई प्रविष्टियों को सुधार सकता है।
  • त्रुटि सुधार हेतु अभ्यर्थी को 50/- रू. का शुल्क ऑनलाइन अदा करना होगा । शुल्क जमा होने के उपरांत ही सुधार की गई प्रविष्टियाँ मान्य होगी।
  • अगर अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन भरने तथा परीक्षा शुल्क जमा करने के उपरांत श्रेणी (Category) में सुधार करता है तो परीक्षा शुल्क की अंतर की राशि का वहन वह स्वयं करेगा किन्तु अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा शुल्क की राशि पूर्व में अधिक दी गई है तो व्यापम द्वारा उसे वापस नहीं किया जावेगा।
  • OMR उत्तरशीट में किसी भी प्रकार की त्रुटि सुधार की सुविधा नहीं दी जायेगी।
  • ऑनलाइन आवेदन में की गई प्रविष्टि / त्रुटि सुधार कर की गई प्रविष्टि के अनुसार ही प्रवेश पत्र जारी किया जावेगा । पश्चात्‌ परीक्षा प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर त्रुटि सुधार नहीं होगा।
  • प्रवेश पत्र जारी होने के बाद, परीक्षा उपरांत एवं परीक्षा परिणाम के बाद त्रुटि सुधार संबंधी कोई भी अभ्यावेदन स्वीकार नहीं किया जावेगा। त्रुटि सुधार के लिए हार्ड कॉपी /सॉफ्ट कॉपी में व्यापम को भेजा गया कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

4. प्रवेश पत्र संबंधी जानकारी :-

परीक्षा के लगभग दस दिन पूर्व एडमिट कार्ड व्यापम की वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा इसे प्राप्त करने के लिए वेबसाइट में अपना Registration ID डालकर इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षा पश्चात्‌ भी एडमिट कार्ड को संभालकर रखें | काउंसलिंग के समय तथा सर्विस ज्वाइनिंग के समय इसे प्रस्तुत करना होगा। एडमिट कार्ड की द्वितीय प्रति व्यापम द्वारा प्रदाय नहीं किया जावेगा। पोस्ट ऑफिस के माध्यम से अलग से एडमिट कार्ड नहीं भेजा जायेगा।

5. हेल्प लाइन संबंधी जानकारी :-

ऑनलाइन आवेदन भरने में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर कार्य दिवसों में प्रात: 10.00 से सायं 5.00 बजे (कार्यालयीन समय) के बीच 0771-2972780 नंबर पर संपक्क कर सकते हैं।  साथ ही अवकाश के दिनों में मोबाइल नंबर 8269801982 पर संपर्क कर सकते हैं।

6. पाठ्यक्रम संबंधी जानकारी :-

उक्त परीक्षा हेतु निर्धारित पाठ्यक्रम वेबसाइट के “Syllabus” लिंक पर उपलब्ध है, जिसका अवलोकन कर लेवें, आवश्यक समझे तो प्रिंट आउट प्राप्त कर लेवें।

7. परीक्षा कक्ष में प्रवेश :-

परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थी केवल निम्नलिखित सामग्री लायें-
(1) परीक्षा प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) - ऑनलाइन से प्राप्त प्रवेश पत्र में यदि फोटो प्रिंट न हुआ हो तो दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ लेकर परीक्षा केन्द्र में जावें 
(2) नीला/काला डाटपेन।
(3) अभ्यर्थी अपने साथ मूल पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्रायविंग लायसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईं डी लेकर ही परीक्षा केन्द्र में आयेंगे जिससे कि उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके। मूल पहचान पत्र के अभाव में परीक्षा में सम्मिलित होने से उन्हें वंचित किया जायेगा।
(4) अभ्यर्थी को मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा। बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
(5) परीक्षा केन्द्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा।
नोट- 
(अ) अभ्यर्थी के पास अन्य सामग्री जैसे सामान्य केलकुलेटर, लॉगटेबिल साइंटिफिक केलकुलेटर, पेपर, मोबाईल फोन आदि पाये जाते है तो अभ्यर्थी का प्रकरण अनुचित साधन के प्रयोग (UFM) में दर्ज किया जावेगा।
(ब) परीक्षा प्रारंभ होने के 15 मिनट बाद परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं दी जावेगी।

8. परीक्षा पद्धति :-

प्रश्नपत्र में सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे, जिसके चार विकल्प में से एक विकल्प  सही होगा, सही विकल्प पर उत्तरशीट में नीले /काले डॉट पेन से गोला को पूर्णतः: भरना होगा।

9. मूल्यांकन पद्धति :-

प्रत्येक प्रश्न के चार संभावित उत्तर दिये गये होंगे। उनमें से एक उत्तर सही तथा तीन उत्तर गलत होंगे। प्रत्येक प्रश्न का सही उत्तर अंकित करने पर एक अंक एवं गलत उत्तर अथवा एक से अधिक उत्तर अंकित करने पर (-) ऋणात्मक अंक का प्रावधान होने से एक गलत उत्तर पर नियत अंक का 1/4 अंक काटे जायेंगे। परीक्षार्थी द्वारा जिन प्रश्नों के उत्तर अंकित नहीं किये जायेंगे उनके लिऐ शून्य (zero) अंक प्रदान किये जायेंगे।

10. दावा /आपत्ति का निराकरण :-

परीक्षा सम्पन्न होने के बाद व्यापम द्वारा विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पत्र विश्लेषण पश्चात मॉडल उत्तर तैयार कराया जाता है तथा उसे व्यापम के वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है। यदि किसी परीक्षार्थी को व्यापम द्वारा जारी मॉडल उत्तर पर आपत्ति हो तो नियत अवधि के भीतर निर्धारित प्रारूप में सप्रमाण दावा /आपत्ति (किसी गाइड बुक का प्रमाण मान्य नहीं होगा। व्यक्तिगत रूप से, डाक द्वारा या ईमेल आई.डी. cgvyapam.dawaapatti2022@gmail.com से परीक्षा कोड RDP22 लिखते हुए भेजा जा सकता है। प्रत्येक प्रश्न पर दावा/आपत्ति अलग-अलग प्रस्तुत करने पर उन पर विचार किया जायेगा । बिना प्रमाण के दावा /आपत्ति अमान्य किया जावेगा ॥ प्राप्त दावा / आपत्ति का विषय विशेषज्ञों द्वारा सूक्ष्म परीक्षण पश्चात निराकरण किया जाता है तथा मॉडल उत्तर में आवश्यक संशोधन या निरसन पश्चात अंतिम उत्तर तैयार किया जाता है, जिसे व्यापम के वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है तथा उसी के आधार पर व्यापम द्वारा उत्तरशीट का मूल्यांकन किया जाता है। व्यापम द्वारा जारी अंतिम उत्तर पर किसी भी प्रकार का दावा /आपपत्ति मान्य नहीं किया जावेगा।

11. त्रुटि पूर्ण प्रश्न, उसका निरस्तीकरण एवं बदले में दिया गया अंक :-

परीक्षा उपरांत छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, द्वारा विषय विशेषज्ञों से प्रत्येक प्रश्न के परीक्षण पश्चात्‌ मॉडल उत्तर एवं दावा »आपत्ति के निराकरण पश्चात अंतिम उत्तर तैयार कराया जाता है। विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न को त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर निरस्त कर दिया जाता है।
निम्नलिखित कारणों से प्रश्न निरस्त किए जा सकते हैं-
1. प्रश्न की संरचना गलत हो,
2. उत्तर के रुप में दिये गये विकल्पों में एक से अधिक विकल्प सही हो,
3. कोई भी विकल्प सही न हो,
4. किसी प्रश्न के हिन्दी और अंग्रेजी रुपांतर में अंतर हो जिस कारण दोनों के भिन्न-भिन्न अर्थ
निकलते हों और एक भी सही उत्ततर स्पष्ट न होता हो.
5 मुद्रण त्रुटि हुई हो जिससे सही उत्त्तर प्राप्त न हो.
विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई अनुशंसा अनुसार ऐसे निरस्त किए गए प्रश्नों के लिये सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा में उनके द्वारा अर्जित अंकों के अनुपात में छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल अंक प्रदान करता है, भले ही उसने निरस्त किए गए प्रश्नों को हल किया हो या नहीं।

पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा केन्द्र : 

जिला महाविद्यालय का नाम तथा फोन नंबर :-

1. अम्बिकापुर राजीव गांधी शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, अम्बिकापुर 07774--230921
2. बेक॒ण्ठपुर शासकीय महाविद्यालय, बैकुण्ठपुर (कोरिया) 07836--232252
3. बिलासपुर शासकीय ई. राघवेन्द्र राव,स्नातकोत्तर विज्ञान महा., बिलासपुर, 07752--246430
4. दंतेवाड़ा शासकीय दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दंतेवाड़ा 07856--240087
5. धमतरी बाबू छोटेलाल शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, धमतरी 07722--237933
6. दुर्ग विश्वनाथ तामस्कर शासकीय कला एवं विज्ञान महा.दुर्ग 0788--2211688
7. जगदलपुर शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, जगदलपुर 07782--229340
8. जांजगीर-चांपा शासकीय पी.जी. टी.सी.एल. महाविद्यालय, जांजगीर-चांपा 07817-222240
9. जशपुर नगर शासकीय पी.जी.एन.ईं.एस. महाविद्यालय, जशपुर नगर 07763--223539
10. कांकेर भानुप्रतापदेव शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, कांकेर 07868--222028
11. कबीरधाम आचार्य पंथ श्री गूंधमुनि नाम साहेब शास. महा, कबीरधाम 07741-232496
12. कोरबा शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, कोरबा 07759--221458
13. महासमुंद शासकीय महाविद्यालय, महासमुंद 07723--222048
14. रायगढ़ किरोड़ीमल शास. कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रायगढ़ 07762--222966
15. रायपुर शासकीय नागार्जुन पी.जी. विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर 0771--2263131
16. राजनांदगाँव शासकीय पी.जी. दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगाँव 07744--225036
17. बीजापुर शासकीय महाविद्यालय, बीजापुर 94242--93022
18. नारायणपुर शासकीय महाविद्यालय, नारायणपुर 94252-98192
19. गरियाबंद शासकीय महाविद्यालय, गरियाबंद 94077-30011
20. बलोदा बाजार शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, बलौदा बाजार 94255-23895
21. बालोद शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, बालोद 94256-38175
22. बेमेतरा शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, बेमेतरा 94241-28570
23. मुंगेली शासकीय महाविद्यालय, मुंगेली 94255--43065
24. कोण्डागॉव शासकीय महाविद्यालय, कोण्डागॉव 94255--95895
25. सूरजपुर शासकीय महाविद्यालय, सूरजपुर 07775--266657
26. बलरामपुर शासकीय महाविद्यालय, बलरामपुर 98268-79840
27. सुकमा शासकीय महाविद्यालय, सुकमा 94252--60241
28. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, शा. भंवर सिंह पोर्त, स्नातकोत्तर महा., पेण्ड़ा 9993825510

अंतर्गत पटवारी प्रशिक्षण चयन परीक्षा (RDP22) - 2022

Chhattisgarh Film Policy : छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में क्या है, पढ़े पूरी जानकारी

Chhattisgarh Film Policy
Chhattisgarh Film Policy

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में फीचर फिल्म, वेब सीरिज, टीवी सीरियल्स और रियलिटी शो, डाक्यूमेंट्री के निर्माण / फिल्मांकन के लिए सुविधा प्रोत्साहन एवं फिल्म क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने लिए ‘छत्तीसगढ़ फिल्म नीति-2021’ को लागू किया गया है।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति का उद्देश्य क्या है

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं :-

  1. प्रदेश में फिल्म निर्माण को फिल्म निर्माताओं के मध्य पहली पसंद बनाना।
  2. फिल्मों के शूटिंग के लिए छत्तीसगढ़ को सेंट्रल हब के रूप में विकसित करना।
  3. स्थानीय प्रतिभाओं के लिए रोजगार के अवसरों का विकास करना और उन्हें बढ़ावा देना।
  4. फिल्मी निर्माण हेतु बुनियादी ढांचा तैयार करना।
  5. फिल्मी निर्माण क्षेत्र में राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करना।
  6. प्रचार-प्रसार विपणन एवं ब्रांडिंग के माध्यम से प्रदेश में फिल्मों तथा पर्यटन एवं संस्कृति विकास को गति प्रदान करना।
  7. प्रदेश के स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना।
  8. प्रदेश में फिल्म शूटिंग की अनुमति की आसान प्रकिया बनाई जाना एवं प्रदेश में अधिकतम क्षेत्रीय भाषाओं के फिल्मांकन को प्रोत्साहन करना।
  9. फिल्म निर्माण एवं प्रोत्साहन हेतु सभी आवश्यक उपाय।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से क्या-क्या सुविधा मिलेगा :- 

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से प्रदेश में फिल्म को बढ़ावा देने के लिए यह नीति प्रदेश में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में सहायक होगी। फिल्म नीति-2021 के तहत निम्नलिखित उपाय किए जाएंगे-

  1. समस्त प्रकियाओं, अनुमोदन, अनुमति और लाइसेंस की रूकावटों को दूर करने के लिए परिभाषित करना। 
  2. निवेश को आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और छूट प्रदान करना।
  3. आधारमभूत संरचना बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करना।
  4. फिल्म निर्माताओं को फिल्म  निर्माण हेतु एक अनुकूल वातावरण प्रदान करना।
  5. फिल्म निर्माताओं के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधायें विकसित करना।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के कियान्वयन के गठित फिल्म साधिकार समिति में कौन-कौन पदाधिकारी होंगे-

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के कियान्वयन के अंतर्गत फिल्म विकास निगम के निर्णय से किसी भी उत्पन्न विवाद के समाधान हेतु एक अपीलीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसे फिल्म साधिकार समिति कहा जाएगा तथा इसमें निम्नलिखित सदस्य रहेंगे:-

  • संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन - अध्यक्ष
  • अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ फिल्मढ विकास निगम - उपाध्यक्ष
  • सचिव, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन - सदस्य
  • संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय - सदस्य
  • प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ फिल्म् विकास निगम - सदस्य सचिव

फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (फिल्म फेसीलिटेशन सेल) का गठन-:

फिल्म नीति कियान्वयन के लिए फिल्म विकास निगम के अंतर्गत एक समर्पित फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (फिल्म फेसीलिटेशन सेल) का गठन किया जाएगा। सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, संस्कृति विभाग की अध्यक्षता में यह फिल्म फेसीलिटेशन सेल फिल्म हेतु प्रदेश की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। यह समिति फिल्म नीति 2021 के कियान्वयन, प्रकिया निर्धारण, आवेदनों के निराकरण संबंधित स्टेक होल्डर के समन्वय करेगी तथा फिल्म उद्योग की अद्यतन प्रवृत्तियों के अनुसार नीति संबंधी सुझाव एवं नियामक सुधार के लिए समय-समय पर प्रस्ताव तैयार करेगी।

फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ के सदस्य निम्नुलिखित होंगे-

  • सचिव, संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन - अध्यक्ष
  • प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ फिल्मध विकास निगम - सदस्य सचिव
  • संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय - सदस्य
  • उप संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय - सदस्य
  • वरिष्ठ लेखाधिकारी, संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय - सदस्य

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति का क्रियान्वयन कैसे होगा- 

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के क्रियान्वयन के लिए मसौदा तैयार किया गया है जो इस प्रकार है-

  • संपूर्ण नीति एवं प्रपत्र संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराये जाएगें।
  • यह नीति सभी पात्र राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय फिल्म  निर्माताओं के फिल्म शूटिंग अनुमति लेने और अनुदान आवेदनों पर लागू होगी।
  • फिल्म शूटिंग की अनुमति और फिल्म निर्माण हेतु आवेदन करने से पूर्व एक बार (one time) ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
  • अनुदान हेतु आवेदित परियोजना में दृश्य श्रव्य माध्यम से देश/ प्रदेश एवं प्रदेश के लोगों के बारे में कोई प्रतिकूल अथवा नकारात्मक दृश्य /संवाद न हो, इसका परीक्षण फिल्म फेसीलिटेशन सेल अनुदान स्वीकृति पूर्व कर सकेगा।
  • फिल्म फेसीलिटेशन सेल फिल्म शूटिंग हेतु प्राप्त आवेदनों को समय पर अनुमति प्रदान करना सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों / अधिकारियों के साथ समन्वय करेगा।
  • फिल्म अनुदान हेतु आवेदित परियोजना के पूर्ण / प्रसारित होने के पश्चात्‌ निर्माता द्वारा निर्धारित प्रारूप में अनुदान हेतु सहपत्रों सहित संस्कृति विभाग में आवेदन प्रस्तुत करेगा। अनुदान हेतु परियोजना लागत (COP) के मान्य प्रमुख व्यय मद संलग्न परिशिष्ट “अ” अनुसार होंगे।
  • फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा गठित वित्तीय समिति अनुदान प्रमाणों का परीक्षण करेगी, तथा अपनी अनुशंसा के साथ निर्णय के लिए फिल्मठ विकास निगम के अध्यक्ष को प्रेषित करेगी।
  • अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के अनुमोदन के बाद आवेदक को एक अनुदान स्वीकृति पत्र जारी किया जाएगा।
  • अनुदान राशि का भुगतान आवेदक को ऑनलाइन किया जाएगा।
  • अनुदान राशि का भुगतान समस्त आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति पश्चात्‌ कायीलय में प्रस्तुति दिनांक से 60 कार्य दिवस की अधिकतम समयसीमा के अंदर करने का प्रयास किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में कैसे सुविधा मिलेगा-

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति सिंगल विंडो क्लीयरेंस :- 

छत्तीसगढ़ में शूटिंग करने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए एकल विंडो इंटरफेस प्रदान करने तथा समयबद्ध अनुमति तंत्र के लिए एक समर्पित ऑनलाइन फिल्मल वेब पोर्टल तैयार किया जाएगा। सभी आवेदन फिल्म फेसीलिटेशन सेल द्वारा ऑनलाइन तरीक से प्राप्त किए जाएगें और संबंधित विभाग से समन्वय कर अनुमति हेतु कार्यवाई की जावेगी। यह समर्पित पोर्टल फिल्मं नीति के संबंध में सूचना-प्रसार के लिए एक मंच के रुप में भी कार्य करेगा और नियमों, अनुदान और अन्य सुविधा सेवाओं से संबंधित जानकारी भी प्रदान करेगा। फिल्म फंसीलिटेशन सेल सभी फिल्म् निर्माताओं / आवेदकों को शूटिंग की अनुमतियों के लिए आवश्यक सहायता, समन्वय एवं सुविधा उपलब्ध कराएगा। छत्तीसगढ़ शासन, संस्कृति विभाग, मंत्रालय के आदेश क. एफ 5-01 / 2021 / 30 / सं. नवा रायपुर, अटल नगर, दिनांक 04-05-2021 द्वारा फिल्म  निर्माण संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने क॑ लिए राज्य शासन के अधीन जिले के कलेक्टर को अधिकृत किया गया है, जो कि फिल्म नीति 2021 के कियान्वयन में जिला स्तर पर सहयोग एवं समन्वय करेगा।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान राशि एवं मापदंड- 

A पहली फिल्म के लिये अनुदान- 

1. राशि रू. 4 करोड़ तक या फिल्म  की कुल लागत Cost of Production (COP)  का 25% जो भी कम हो।

मापदंड-
  • 1. फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो।
  • 2.  न्यूनतम 20% सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउंड स्टाफ अनिवार्यता। छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी होने चाहिए।

2. राशि रू.1.75 करोंड़ तक या फिल्म की कुल लागत (COP) का 25 प्रतिशत जो भी कम हो।

 मापदंड- 
  • 1.फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों क न्यूनतम 75% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो। 
  • 2. सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउंड स्टाफ अनिवार्य है।

B दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए अनुदान :-

1. राशि रू. 1.25 करोड़ तक या फिल्मै की कुल लागत (COP) का 25% जो भी कम हो

मापदंड- 

  • 1. फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों क न्यूनतम 50% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो। 
  • 2.  न्यूनतम 20% सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउंड स्टाफ अनिवार्य है।

2. राशि रू. 2.00 करोड तक या फिल्म की कुल लागत (COP) का 25%, जो भी कम हो।

मापदंड- 

  • 1. फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 75% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो।
  • 2. न्यूनतम 20% सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउंड स्टाफ अनिवार्य है।

C तीसरी और आगे की फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुदान :-

1. राशि रू. 1.50 करोड़ तक या फिल्म की कुल लागत (COP) का 25% जो भी कम हो।

मापदंड- 

  • 1. फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 50% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेष में हो।
  • 2. न्यूनतम 20% सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउड स्टाफ अनिवार्य है।

2. राशि रू. 2.25 करोड तक या फिल्मट की कुल लागत (COP) का 25% जो भी कम हो।  

मापदंड- 

  • 1. फिल्म की सम्पूर्ण शूटिंग दिवसों के न्यूनतम 75% शूटिंग दिवस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो।
  • 2. न्यूनतम 20% सहायक कलाकार, टेक्निकल एवं ग्राउंड स्टाफ अनिवार्य है।

अनुदान राशि एवं मापदंड-

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में टीवी धारावाहिक / शो के लिए अनुदान-



छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में छत्तीसगढ़ी फिल्म को बढ़ावा देने के लिए अनुदान-




छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में सिनेमाघरों के​ लिये प्रोत्साहन अनुदान-

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में OTT प्लेटफार्म के लिए अनुदान-



व्यय मद :- 

फिल्म शूटिंग/ टीवी धारावाहिक / टी वी शो/ ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित होने वाली वेब सीरीज / ओरिजनल शो/ डाक्यूमेंट्री की कुल परियोजना लागत अंतर्गत सम्मिलित व्ययमद अनुदान हेतु प्रस्तुत आवेदन में आवेदक द्वारा किये गये कुल पूंजीगत व्यय में से निम्न व्यय मद अनुदान हेतु मान्य होंगे-
  1. Lead Actors fees
  2. Producer fees
  3. Director & Writer fees
  4. Supporting Cast Charges
  5. Dialogue/Story Writer fees
  6. Entourage Charges
  7. Extras & Features Charges
  8. Direction Department Fees
  9. Production Department Including Line Producer Fess
  10. Camera, Grip & Light Fees
  11. Sync Sound & Sync Security
  12. Art Department Fees Including Wages
  13. Costume department Fees
  14. Make-up & Make-up Material
  15. Choreographer & Photographer Fees
  16. Camera & Equipment Hire Charges
  17. Sound Equipment Hire Charges
  18. Light & grip Hire Charges
  19. Generator Hire Charges
  20. Vanity Van, Walkies & Picture Vehicles Hire Charges
  21. Workshop, Recce, Rehearsals expenditure
  22. Costume Purchase & Hire charges
  23. Art, Set & Props expenditure
  24. Transport Charges
  25. Location Charges
  26. Flights & hotel Accommodation expenditure
  27. Food & Beverage expenditure
  28. Production Office Cost
  29. Post Production, Legal & Auditor fees/Charges
उपर्युक्त विवरणों के अलावा अन्य अतिरिक्त व्यय मदों को विचार कर उपरोक्त सूची में सम्मिलित करने के लिए छत्तीसगढ़ फिल्म नीति 2021 का फिल्म विकास निगम अधिकृत होगा।

छत्तीसगढ़ फिल्म नीति का लाभ लेने के किस विभाग को आवेदन करना होगा-

छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के तहत इस योजना संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में संस्कृति विभाग का संचालनालय रायपुर में है ​स्थित है। 

कार्यालय का पता-
Culture Department.
Culture & Archaeology MGM Museum, 
Civil Lines, Near Raj Bhawan, Raipur (C.G.)
phon- 0771-2537404
          0771-2234731 
Email- deptt.culture@gmail.com

Website- www.cgculture.in

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