- 26 जनवरी हो रिलीज हो रही है ट्विंकल खन्ना की पैड मैन मूवी।
- अक्षय कुमार टायलेट एक प्रेम कथा में शौचालय से स्वच्छता लाने के बाद अब महिलाओं की सेहत को लेकर जागरूक करने के लिये पैड मैन बन गये।
- बीमारी से बचाना है घर की मां, बहन, पत्नी और बेटियों को तो शर्मिंदगी छोड़ों।
भारत को सशक्त बनाने के लिये अब फिल्म
मेकर भी अपना
योगदान दे रहे है अपनी सामाजिक फिल्मों के माध्यम से। अक्षय कुमार
की फिल्म टायलेट-एक प्रेम कथा तो याद ही होगा, जिसमें भारत
के प्रधानमंत्री जी मंशा के अनुरूप देश को खुले
में शौच मुक्त
बनाने के संकल्प को फिल्म के माध्यम से दिखाई
गई थी। अक्षय
कुमार तो मोदी
जी से भी एक कदम आगे निकल पड़े है। उनकी होम प्रोडक्शन फिल्म पैड मैन जो महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्या को लेकर
बनाई गई है। लोग अक्सर इन विषयों पर खुल कर बातें नहीं
करते है शायद
इसी का नतीजा
है कि औरतों
में मासिक धर्म
से संबंधित संक्रमण का खतरा बड़ जाता है। खास कर गांव की महिलाओं में जहां
ब्रांडेड पैड की उपलब्धता नहीं होती
है अथवा अज्ञानता के कारण अस्वच्छ कपड़े का उपयोग
कर लेते है।
कोलंबिया पिक्चर्स के बैनर तले निर्मित सोशल मूवी पैड मैन जो कि तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री अरुणाचलम मुरुगनथम् की जीवन
पर आधारित है जिन्होंने ग्रामीण भारत
में मासिक धर्म
की स्वच्छता की अवधारणा तथा भारत
में कम लागत
वाला सेनेटरी नैपकिन निर्माण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया था। यह फिल्म ट्विंकल खन्ना
और अक्षय कुमार
के साथ-साथ दर्शकों के लिये
भी महत्वपूर्ण है क्योकि इसकी कहानी
का प्लॉट ट्विंकल खन्ना की किताब,
द लेजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद से ली गई।
फिल्म की कहानी
लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय
कुमार) घर से शुरू होती है। सरल और सहज ग्रामीण युवा पेशे
से वेल्डर लक्ष्मीकांत बहुत ही विनम्र व्यक्ति है जिसकी
नई-नई शादी
हुई है। सभी अच्छे पतियों की तरह लक्ष्मी भी गायत्री चौबे (राधिका आप्टे) का बहुत
ख्याल रखता है उन्हे दुनिया की हर खुशी देना
चाहता है। लक्ष्मी की अविश्वसनीय यात्रा तब शुरू होती
है, जब उन्हें पता चलता है कि उनकी पत्नी
अपने मासिक धर्म
के दौरान एक अस्वच्छ कपड़े का उपयोग करती थी। ब्रांडेड पैड को खरीदने में असमर्थ होने के कारण
वह सेनेटरी पैड खुद बनाने का फैसला करता है। शुरूआत में इस फैसले पर उनकी
पत्नी का सार्थक सहयोग भी नहीं
मिलता है। लक्ष्मी प्रसाद को अपनी
पत्नी से बहुत
प्यार था। उसी प्यार की वजह से वह पैड बनाने का दृढ़ संकल्प लेते है। फिल्म जैसे-जैसे
आगे बड़ता है लक्ष्मी की समस्या और बड़ती जाती
है, उन्हे समाज
में शर्मिंदगी का कारण माना जाने
लगता है और लक्ष्मी को अपनी
पत्नी के साथ गांव छोड़ने के लिये मजबूर किया
जाता है। आगे उन्हे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम कपुर का सहयोग मिलता है, जिसके कारण तमाम
विकट परिस्थितियों के बावजूद लक्ष्मी हारता
नहीं है और एक सुदख मोड़ पर आकर फिल्म
का अंत होता
है।
बहरहाल इस फिल्म
की आधिकारिक ट्रेलर तो रिलीज कर दी गई है, गाने भी युट्यूब पर धमाल मचा रहे है। अक्षय
कुमार की होम प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म व्यवसायिकता से काफी दूर,
महिलाओं में सैनिटरी पैड के प्रति
जागरूकता लाने के लिये बनाये है ऐसा वो कहते
है। अब ये तो फिल्म देखने
के बाद ही पता चलेगा कि उनका प्रोडक्शन किसी सैनिटरी उत्पाद का प्रचार-प्रसार और बिक्री बड़ाता है या गांव की औरतों में पैड बनाने की मशीन
और पैड उत्पादन और उपयोग करने
के लिये पे्ररित करता है। फिलहाल पैड मैन की पूरी टीम को बधाई कि उनका
ये अभियान सफल हो और भारत
में भी मासिक
धर्म क्रांति, महिला
सशक्तीकरण, देश 100 प्रतिशत पैड का उपयोग
करे।
- रिलीज की तारीख- 26 जनवरी 2018
- निर्देशक- आर. बाल्की
- संगीत निर्देशक- अमित त्रिवेदी
- उत्पादन कंपनी- कोलंबिया पिक्चर्स
- निर्माता- अक्षय कुमार, आर बाल्की, गौरी शिंदे, ट्विंकल खन्ना, प्रशांत शाह
- मुख्य कलाकार- अक्षय कुमार, सोनम कपूर, राधिका आप्टे
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