फिल्म 'राधे अंगुठाछाप' में करण खान का अभिनय के साथ निर्देशन भी

छत्तीसगढ़ी सिनेमा में पारिवारिक हास्य फिल्मों स्वर्णीम दौर रहा है। विडियों फिल्म और फिचर फिल्मों को मिलाकार अब तक लगभग सैकड़ों फिल्म बन चूकी है जिसमें सफलता पारिवारिक हास्य फिल्मों को ही मिला है। इससे यह भान होता है कि छत्तीसगढ़ में साफ-सुथरी पारिवारिक हास्य और सुमधुर गीत संगीत होना फिल्मी की सफलता की गारंटी देता है। वर्षो बाद एक बार फिर पारिवारिक हास्य फिल्म लेकर आ रहे है निर्माता जेठू साहू और निर्देशक करन खान। फिल्म 'राधे अंगुठाछाप' में करण खान का अभिनय के साथ-साथ निर्देशन का भी कमाल देखने को मिलेगा।


फिल्म की कहानी शुरू होती है शिवचरण कका के घर से जहां उनका अंगुठाछाप बेटा अपने हरकतों से गांव के लोगों को परेशान करते रहता है। नटखट, चुलबुले और मासुमियत से भरे राधे को गांव में जितने लोग ताना मारते थे उतने लोग उनका चाहते भी थे। शिकायतों से परेशान होकर उनके पिता जी उनकी शादी करने की सोचते है राधे के मन में लड्डू फूटने लगाता है किन्तु लड़की उससे अंगुठाछाप होने के कारण शादी से इंकार कर देती है। बाद में परिस्थिति कुछ ऐसी आती है कि राधे को गांव छोड़ना पड़ता है।


शहर में इत्तेफाक से उनके एक अच्छा काम हो जाता है, बैंक डकैतों के गिरोह हो पकड़वाने के कारण सरकार उनकों करोड़ों रूपये इनम में देती है। राधे का पास पैसा आने के बाद से फिल्म की कहानी करवट लेते है और फिर शुरू होता है उनके रूपये को हथियाने का खेल। कई लोग उनके पीछे लगे रहते है, उनेक मोड़ आता है उन सबका बड़ी चालाकी से सामाना करते हुये फिल्म का अंगुठाछाप नायक राधे दर्शकों को हंसाते-गुदगुदाते संदेश के साथ फिल्म की कहानी को अंजाम तक पहुंचाता है।




  • निर्माता— जेठू साहू, 
  • निेर्देशन कथा पटकथा— करण खान, 
  • गीत— बेनी प्रसाद, पुरूषोत्तम, अमित प्रधान, 
  • संगीत— अमित प्रधान, 
  • कलाकार— करण खान, लवली अहमद, माहिरा खान, अनुकृति चौहान, उपासना वैष्णव, आशीष सेन्द्रे, प्रदीप शर्मा, जेठू साहू, संतोष यादव, प्रदीप शर्मा, बोचकू


















पद्मावत को लेकर दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर, रणवीर सिंह, अदिति राव, रज़ा मुराद, जिम सर्भ, अनुप्रिय गोएंका काफी उत्साहित

भारतीय सिनेमा जगत में संजय लीला भंसाली का नाम ऐतिहासिक फिल्मों के परिमार्जक के रूप में अंकित होगा। वैसे तो उनकी प्रत्येक फिल्म में इतिहास रचने की काबिलियत होती है, जितना बड़ा फिल्म का दायरा होता है उतनी ही विवाद ज्यादा होता है ये साबित हो रही उनकी ​'पद्मावत' से जो एक आगामी भारतीय ऐतिहासिक फ़िल्म है। जिसका निर्माण भंसाली प्रोडक्शन्स और वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने किया है। फिल्म में विवाद का सबसे बड़ा कारण फिल्मी कहानी ही है जो कि महान विरांगना के जीवन पर आधारित है। इस फ़िल्म में चित्तौड़ की प्रसिद्द राजपूत रानी पद्मिनी का वर्णन किया गया है जो रावल रतन सिंह की पत्नी थीं।

फिल्म शुरू होती है दिल्ली सल्तनत के तुर्की शासक अलाउद्दीन खिलजी का 1303 ई. में चित्तौड़गढ़ के दुर्ग हुये आक्रमण से। कहा जाता है कि चित्तौड़ पर अलाउद्दीन के आक्रमण का कारण रानी पद्मिनी के अनुपन सौन्दर्य के प्रति उसका आकर्षण था। आक्रमण में सुल्तान चित्तौड़ के क़िले पर अधिकार करने में सफल हो जाता है और राणा रतन सिंह युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते है। शहीद की वीर पत्नी रानी पद्मिनी ने अन्य स्त्रियों के साथ आत्म-सम्मान और गौरव को मृत्यु से ऊपर रखते हुए जौहर रचती है।

फिल्म 'पद्मावत' का निर्माण 2017 शुरू हुआ और शुरूआत से ही तमाम विरोधों के बावजूद 25 जनवरी 2018 को नाम परिवर्तित कर प्रदर्शन के सिनेमाघरों तक आ रही है। राजपूत करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बीच हाल ही में सेंसर बोर्ड ऑफ फ़िल्म सर्टिफिकेशन ने भी फ़िल्म को लेकर आपत्ति जताई जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म 'पद्मावत' को देखने से इंकार कर दिया था। फिल्म मेकर की ओर से भी कहा गया कि फिल्म कुछ अधुरा है इस नाते सेंसर से वापस ले ली गई; इसके बाद आम जनों में भी इतिहास से छेड़छाड़ का ओराप लगाया। बहरहाल फिल्म सेंसर से ओके ओकर आ गई और 25 जनवरी को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली है।

फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती की भूमिका में है, शाहिद कपूर राणा रतन सिंह और रणवीर सिंह सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में नजर आयेंगे। साथ ही 'पद्मावत' में अदिति राव हैदरी मेहरुन्निसा (अलाउद्दीन की पत्नी), रज़ा मुराद जलालुद्दीन ख़िलजी (खिलजी वंश के स्थापक और अलाउद्दीन के चाचा), जिम सर्भ मलिक काफिर (अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति और प्रेमी), अनुप्रिय गोएंका रानी नागमती (रतन सिंह की पहली पत्नी और मुख्य महारानी) की ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करते दिखेंगे। फ़िल्म में संगीत की धुन बनाई है स्वयं निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने और गीतों को अपने कर्णप्रिय आवाज से स्वर दिया श्रेया घोषाल ने।

पद्मावत / पद्मावती मूवी
  • निर्देशक- संजय लीला भंसाली
  • निर्माता- वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, भंसाली प्रोडक्शन्स
  • लेखक- संजय लीला भंसाली, प्रकाश कपाड़िया
  • पटकथा- संजय लीला भंसाली
  • कलाकार- दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर, रणवीर सिंह, अदिति राव, रज़ा मुराद, जिम सर्भ, अनुप्रिय गोएंका  
  • संगीतकार- संजय लीला भंसाली
  • छायाकार- सुदीप चटर्जी
  • संपादक- जयंत जाधर, संजय लीला भंसाली, अकिव अली
  • स्टूडियो- भंसाली प्रोडक्शन्स
  • वितरक- वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स
  • भाषा- हिन्दी, राजस्थानी

माहवारी के समय गंदे कपड़ों से हो सकती है बीमारी: पैड मैन

  • 26 जनवरी हो रिलीज हो रही है ट्विंकल खन्ना की पैड मैन मूवी।
  • अक्षय कुमार टायलेट एक प्रेम कथा में शौचालय से स्वच्छता लाने के बाद अब महिलाओं की सेहत को लेकर जागरूक करने के लिये पैड मैन बन गये।
  • बीमारी से बचाना है घर की मां, बहन, पत्नी और बेटियों को तो शर्मिंदगी छोड़ों।   












       भारत को सशक्त बनाने के लिये अब फिल्म मेकर भी अपना योगदान दे रहे है अपनी सामाजिक फिल्मों के माध्यम से। अक्षय कुमार की फिल्म टायलेट-एक प्रेम कथा तो याद ही होगा, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री जी मंशा के अनुरूप देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के संकल्प को फिल्म के माध्यम से दिखाई गई थी। अक्षय कुमार तो मोदी जी से भी एक कदम आगे निकल पड़े है। उनकी होम प्रोडक्शन फिल्म पैड मैन जो महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्या को लेकर बनाई गई है। लोग अक्सर इन विषयों पर खुल कर बातें नहीं करते है शायद इसी का नतीजा है कि औरतों में मासिक धर्म से संबंधित संक्रमण का खतरा बड़ जाता है। खास कर गांव की महिलाओं में जहां ब्रांडेड पैड की उपलब्धता नहीं होती है अथवा अज्ञानता के कारण अस्वच्छ कपड़े का उपयोग कर लेते है।








            कोलंबिया पिक्चर्स के बैनर तले निर्मित सोशल मूवी पैड मैन जो कि तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री अरुणाचलम मुरुगनथम् की जीवन पर आधारित है जिन्होंने ग्रामीण भारत में मासिक धर्म की स्वच्छता की अवधारणा तथा भारत में कम लागत वाला सेनेटरी नैपकिन निर्माण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया था। यह फिल्म ट्विंकल खन्ना और अक्षय कुमार के साथ-साथ दर्शकों के लिये भी महत्वपूर्ण है क्योकि इसकी कहानी का प्लॉट ट्विंकल खन्ना की किताब, लेजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद से ली गई।







            फिल्म की कहानी लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) घर से शुरू होती है। सरल और सहज ग्रामीण युवा पेशे से वेल्डर लक्ष्मीकांत बहुत ही विनम्र व्यक्ति है जिसकी नई-नई शादी हुई है। सभी अच्छे पतियों की तरह लक्ष्मी भी गायत्री चौबे (राधिका आप्टे) का बहुत ख्याल रखता है उन्हे दुनिया की हर खुशी देना चाहता है। लक्ष्मी की अविश्वसनीय यात्रा तब शुरू होती है, जब उन्हें पता चलता है कि उनकी पत्नी अपने मासिक धर्म के दौरान एक अस्वच्छ कपड़े का उपयोग करती थी। ब्रांडेड पैड को खरीदने में असमर्थ होने के कारण वह सेनेटरी पैड खुद बनाने का फैसला करता है। शुरूआत में इस फैसले पर उनकी पत्नी का सार्थक सहयोग भी नहीं मिलता है। लक्ष्मी प्रसाद को अपनी पत्नी से बहुत प्यार था। उसी प्यार की वजह से वह पैड बनाने का दृढ़ संकल्प लेते है। फिल्म जैसे-जैसे आगे बड़ता है लक्ष्मी की समस्या और बड़ती जाती है, उन्हे समाज में शर्मिंदगी का कारण माना जाने लगता है और लक्ष्मी को अपनी पत्नी के साथ गांव छोड़ने के लिये मजबूर किया जाता है। आगे उन्हे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम कपुर का सहयोग मिलता है, जिसके कारण तमाम विकट परिस्थितियों के बावजूद लक्ष्मी हारता नहीं है और एक सुदख मोड़ पर आकर फिल्म का अंत होता है।







            बहरहाल इस फिल्म की आधिकारिक ट्रेलर तो रिलीज कर दी गई है, गाने भी युट्यूब पर धमाल मचा रहे है। अक्षय कुमार की होम प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म व्यवसायिकता से काफी दूर, महिलाओं में सैनिटरी पैड के प्रति जागरूकता लाने के लिये बनाये है ऐसा वो कहते है। अब ये तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा कि उनका प्रोडक्शन किसी सैनिटरी उत्पाद का प्रचार-प्रसार और बिक्री बड़ाता है या गांव की औरतों में पैड बनाने की मशीन और पैड उत्पादन और उपयोग करने के लिये पे्ररित करता है। फिलहाल पैड मैन की पूरी टीम को बधाई कि उनका ये अभियान सफल हो और भारत में भी मासिक धर्म क्रांति, महिला सशक्तीकरण, देश 100 प्रतिशत पैड का उपयोग करे।
  • रिलीज की तारीख- 26 जनवरी 2018
  • निर्देशक- आर. बाल्की
  • संगीत निर्देशक- अमित त्रिवेदी
  • उत्पादन कंपनी- कोलंबिया पिक्चर्स
  • निर्माता- अक्षय कुमार, आर बाल्की, गौरी शिंदे, ट्विंकल खन्ना, प्रशांत शाह
  • मुख्य कलाकार- अक्षय कुमार, सोनम कपूर, राधिका आप्टे

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