अनुष्का शेट्टीः राजमाता शिवगामी का घमंड और देवसेना के गुरूर से बाहुबली-2 सुपर-डुपर हिट



सिनेमा जगत की बुलंदी पर गुरूर के साथ खड़ी अनुष्का शेट्टी ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत तेलगू फिल्म से की जो 2005 में रिलीज हुई थी। अनुष्का पहली ऐसी भारतीय अदाकारा है जिसने हिन्दी, तमिल और तेलगु तीनों भाषाओं में सफलता हासिल की है। अनुष्का शेट्टी ने पुरी जगन्नाथ की फिल्म 'सुपर' से पर्दे पर डेब्यू किया, बाद में उसी साल महानदी में दिखाई दी। इसके बाद कई और फिल्में आई जैसे- विक्रमकुडू, एस्ट्राम, रेंदू, स्टालिन, लक्ष्यम, डॉन, ओका मैगाडु, स्वागतम, बालादुर, चिंतकायाला रवि, किंग, अरूंधति, बिल्ला, वेतेईककरन, केडी, सिंगम, वेदम, पंचाक्षरी, खलेजा, ठाकिता-ठाकिता, नागवल्ली, रागाडा, वानम, सागुनी, थाण्डवम, दामरुक, एलेक्स पांडियन, मिर्ची, इरंदम उलग्राम, लिंगा, येंनाई अरिंधाई, बाहुबली, रुध्रामादेवी, साइज ज़ीरो, सुगाडे चिन्नई नयना, ओपीरी, थोझा, ओम नमो वेंकटेश्वर आदि।
2017 में आई बाहुबली 2 जिसने उनकी फिल्मी कैरियर को नई उचाई प्रदान की। साउड इंडियन फिल्म पैसा वसुल व्यवसाय करती है, फिल्में आर्टिस्ट के नाम पर नहीं बल्कि भाषा और कल्चर को लेकर चलती है। कहानी की बात ही अलग है, वहां कास्ट, लोकेशन और संगीत पर ज्यादा काम होता है। फिल्म की सफलता को पहले ही डायेक्टर भांप लेता है और दर्शकों के टेस्ट को लेकर परिकल्पना की जाती है, इसीलिए कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो साउथ का सिनेमा घाटे का नहीं है। उस दौर में अनुष्का को साथ लेकर जितने भी प्रोड्यूसर, डायरेक्टर ने काम किये सभी ने अच्छा बिसनेस किया। इसी का परिणाम है कि अनुष्का के फिल्मी कैरियर को ब्रेक नहीं लगा। उन्होंने हर क्षेत्र में बेहतर पर्फोंमेंस दिया है एक्टिंग, डांस, फाइट, रोमांस, कॉमेडी 100 प्रतिशत रहा। अपने अभिनय के दम पर अनुष्का शेट्टी कई ने अवॉर्ड अपने नाम किये साथ ही एक तेलगु फिल्म के लिये उन्हे फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। जीवन के कई उतार चड़ाव के दौर में खुद को साबित करने का गजब का आत्म विश्वास है अनुष्का के भीतर। भले ही फिल्म बाक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन न पाया हो किन्तु उनकी कला को हमेशा सम्मान मिला। सिंगम उनके दूसरे दौर की सफल फिल्म साबित हुई। बात अब बाहुबली द बिगिनिंग की बात की जाए तो वहां भी उन्हे ज्यादा कुछ करने का अवसर नहीं मिला। लेकिन जब बाहुबली 2 आई तो याकायक ही उनका कैरियर फिर बुलंदी की ओर दौड़ पड़ा।
बाहुबली-2 की देवसेना को लोग कभी नहीं भूला पायेंगे। स्वयं अनुष्का शेट्टी के लिये भी यह ऐतिहासिक फिल्म है। अनुष्का को इस रोल में देखकर ऐसा लगा है कि देवसेना की भूमिका के लिये इससे बेहतर कोई और हो नहीं सकती थी। पराक्रमी, साहसी और स्वाभिमानी राजकुमारी जैसा गुण लेकर पैदा हुई अनुष्का शेट्टी में खुबसूरती का ऐसा लावण्य है कि जिसे देखकर अप्सरा भी शर्मा जाये। जितनी उनकी सुंदरता की चर्चा है उनकी वीरता की भी है। तलवार और तीर चलाने का ऐसा अंदाज जिसे देख सहत्रबाहु भी हथियार डाल दे। बाहुबली-2 के दूसरे भाग को वास्तव में कहा जाय तो देवसेना के लिये ही बनी है। पहले भाग में ये बात चर्चा का विषय रहा की कटप्पा ने बाहुबली-2 को क्यो मारा। पर जब फिल्म आई तो वो बात हवा-हवाई हो गई। किसी का ध्यान उस ओर गया ही नहीं, कही-कही तो ऐसा लगा की हम यदि पहले भाग को पूरी तरीके से समझ लेते तो शायद कटप्पा ने बाहुबली-2 को क्यो मारा ये जान जाते। हो सकता है ये डारेक्टर की भूल हो कि वे पहली भाग में ही स्पष्ट नहीं कर पाये। जबकि दूसरे भाग को देखा जाये तो पूरी फिल्म केवल देवसेना और राजमाता शिवगामी यानी सास-बहु को दिखाने के लिये बनाई गई है। बाहुबली-2 में एक और सबसे बड़ी खासिय नजर आई वो है टीम वर्क, संयम और परिश्रम।

सचिन तेंदुलकर की बायोग्राफिकल मूवी Sachin: A Billion Dreams

'सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स'

क्रिकेट की दुनियां के भगवान कहे जाने वाले Sachin Tendulkar के जीवन पर आधारित फिल्म 'Sachin: A Billion Dreams' बन कर तैयार है। चूकि यह एक real life पर बनी फिल्म है तो सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े किरदार को निभाने के लिये सचिन से कम तो हो नहीं सकता था। सचिन के बायोपिक मूवी में अन्य कलाकार अभिनय करते तो शायद कहीं न कहीं उनकी कमी जरूर खलती या उनके चाहने वाले दूसरे चेहरे को स्वीकार नहीं कर पाते। बहरहाल इस फिल्म में सचिन के किरदार में स्वयं सचिन तेंदुलकर ही नजर आयेंगे। यह फिल्म 26 मई को रिलीज होने वाली है। सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स को लोग देखने के लिए लोग काफी उत्साहित है खास कर खेल प्रेमी। दुनियां के वो तमाम देश जहां क्रिकेट का खेला जाता है, खिलाड़ियों के आइकॉन है सचिन। वो देखना चाहते है कि खेल के मैदान पर रनों की बौछार करने वाले एक महान शक्स कैसे पले-बड़े और कितना संघर्ष पूर्ण रहा है उनका कैरियर। चूकि लोग सचिन तेंदुलकर के बारे में बहुत कुछ पहले से ही जानते है, बचपन कैसा था, उनके गुरू कौन थे साथ ही उनके परिवार में कौन-कौन है, क्या करते है आदि सब खुली किताब की तरह है। और इतने वर्षों में उनके जीवन पर कई लेखकों ले कलम चलाये है, बहुत सी पुस्तके प्रकाशित हुई है। देश ही नहीं बलिक अंतरराष्टीय पत्र-पत्रिकाओं ने उन्हे मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिये है। कुल मिलके कहा जाये तो दुनिया भर के लोग सचिन को पढ़ते रहे है, तो अब सिर्फ देखने की लालसा रह गई थी जो पूरा होने जा रहा है।
सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स के निर्देशक और लेखक है जेम्स अर्सकिन, निर्माता रवि भगचंदका और कहानी महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की बायोपिक है। इससे पहले भी कई नामचीन हस्तियों की जीवन को रेखांकित करती हुई फिल्में बनाई गई है, आगे भी बनेगी। इस फिल्म को आम फिल्मों की तरह से नहीं देखा जाना चाहिये कि रिलीज होते ही दर्शकों की भीड़, करोड़ों की रिकार्ड तोड़ कमाई, अवार्ड आदि। चूकि ये बायोपिक है और हम पहले भी चर्चा कर चूके है कि सचिन को हम सब पहले भी पढ़ते, देखते रहे है ऐसे में नये की उम्मीद तो नहीं की जा सकती है सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स से। हां इससे सचिन पर्दे पर डेब्यू करने जा रहे है जिसमें वे खुद के जीवन को फिर से पर्दे पर जीने की कोशिश करेंगे। कहानी खुद की है तो कुछ अनजाने-अनकहे तथ्यों से पर्दा हटेगा और कुछ कल्पनाओं का समावेश होगा। सचिन भी मूवीमेकर को फ्री हेंड देकर फिल्म को इंट्रेस्टींग बनाने की कोशिश कर रहे है। स्वयं भी गीत-संगीत और अभिनय के मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये जी तोड़ मेहनत किये है।
वे बहुत ही सौभाग्यशाली हुये है इस मामले में कि उनकों खुद के जीवन पर बनने वाली फिल्म में स्वयं के चरित्र को जीने का अवसर मिला है। पर्दे पर क्या कुछ नया देखने और जानने को मिलेगा यह फिल्म रिलीज के बाद ही बता लगेगा। सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स का ऑफिसियल ट्रेलर आ चुका है। कम शब्दों मे कहा जाए तो सचिन की इस फिल्म से आप सचिन को ही जानेंगे। फिल्म लगभग 1 घंटे 20 मिनट की हिन्दी भाषा में है जिसमें आप देखेंगे कि सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को हुआ था। क्रिकेट के इतिहास में उन्हें भगवान कहा जाता है, दुनियां भर में उनके करोड़ों फैंस है। सचिन को भारत के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया है। इसके अलावा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार व पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। वह राज्य सभा के भी सदस्य हैं, सन् 2012 में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। 
सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम का हिस्सा रहते उन्होने कई रिकार्ड अपने नाम किये। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाने वाले वह दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपना पहला क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये 14 वर्ष की उम्र में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत 1989 से हुई। मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने सबसे चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई का नाम अजीत तेंदुलकर जिन्होने उसे क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई का नाम नितिन तेंदुलकर और एक बहन सविता तेंदुलकर हैं। 1995 में सचिन तेंदुलकर का विवाह अंजली तेंदुलकर से हुआ। सचिन के दो बच्चे हैं सारा और अर्जुन। इस तरह सचिन के घर परिवार और खेल से जुड़ी कहानी को पर्दे पर कितना रिसपांस मिलता है यह तो दर्शक तय करेंगे। 
आगे की खबर यह भी है कि सचिन के बायोपिक के बाद और कई नामचीन हस्तियों की बायोपिक मूवी बनने जा रही है। फिलहाल सचिन तेंदुलकर की बायोपिक मूवी सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स की सफलता अन्य खिलाड़ियों, नेताओं की बायोपिक का लाइफलाइन तय करेगा। वैसे तो सचिन अपने इस मूवी को लेकर काफी संतुष्ट है, वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात कर फिल्म के बारे में जानकारी दे चूके है। सचिन खुद भी एक बड़े ब्रेंड है और प्रधानमंत्री से उनके मुलाकात का असर उनके फिल्म को मनोरंजन कर से मुक्त के रूप में दिख रहा है, कई राज्य तो सचिनः ए बिलियन ड्रीम्स को टेक्स फ्री करने की औपचारिक घोषणा भी कर चूके है।0

- जयंत साहू
ग्राम-डूण्डा, पोस्ट सेजबहार,
जिला रायपुर छ.ग. 9826753304

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